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पिता की संपत्ति में अब नहीं होगा बेटी का अधिकार? सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मचा हड़कंप Father Property Daughter Claim

Father Property Daughter Claim

Father Property Daughter Claim : हाल ही में भारत के सर्वोच्च न्यायालय का एक निर्णय देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। यह फैसला सीधे तौर पर बेटियों के अपने पिता की संपत्ति पर अधिकार से जुड़ा हुआ है। इस फैसले के बाद आम लोगों के बीच यह भ्रम पैदा हो गया है कि अब बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलेगा। लेकिन क्या वास्तव में ऐसा है? आइए इस विषय को विस्तार से समझते हैं।

मामले की पृष्ठभूमि क्या है?

यह मामला एक महिला द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है, जिसमें उसने अपने मृत पिता की संपत्ति पर दावा किया था। महिला का कहना था कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार उसे अपने पिता की संपत्ति में बराबरी का हक मिलना चाहिए। विवाद इस बात को लेकर था कि संपत्ति पैतृक थी या पिता ने उसे खुद अर्जित किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि कोई संपत्ति पिता ने अपनी मेहनत से कमाई है (यानी स्व-अर्जित संपत्ति है), तो वह पूरी तरह से उनके अधीन रहती है। ऐसे में वे अपनी इच्छानुसार किसी को भी वह संपत्ति दे सकते हैं — चाहे वह बेटा हो, बेटी हो या कोई अन्य व्यक्ति।

अगर पिता की ओर से वसीयत (Will) मौजूद है और उसमें बेटी का नाम नहीं है, तो उसे उस संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होगा। लेकिन यदि कोई वसीयत नहीं है और संपत्ति पैतृक है, तो बेटी को बराबरी का अधिकार मिलेगा — बशर्ते पिता की मृत्यु 9 सितंबर 2005 के बाद हुई हो।

स्व-अर्जित बनाम पैतृक संपत्ति में अंतर

प्रकारविवरणअधिकार
स्व-अर्जित संपत्तिवह संपत्ति जो किसी ने अपनी मेहनत से कमाई होपिता की मर्जी से किसी को भी दी जा सकती है
पैतृक संपत्तिपुश्तैनी संपत्ति, जो चार पीढ़ियों से चली आ रही होबेटियों को कानूनन बराबर का अधिकार मिलता है

बेटियों के लिए किन मामलों में अधिकार सीमित हो सकता है?

  • अगर संपत्ति स्व-अर्जित है और उस पर वसीयत मौजूद है।
  • अगर पिता की मृत्यु 2005 से पहले हुई है।
  • यदि बेटी ने संपत्ति पर अपना दावा देर से पेश किया।
  • अगर विवाह पिता की मृत्यु से पहले हो चुका है और दावा समय पर नहीं किया गया।

क्या दस्तावेज़ जरूरी हैं?

बेटियों को यदि पिता की संपत्ति पर दावा करना है, तो उन्हें निम्नलिखित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे:

  • मृत्यु प्रमाण पत्र
  • संपत्ति के स्वामित्व संबंधी दस्तावेज़
  • वसीयत (यदि मौजूद हो)
  • पारिवारिक संबंधों का प्रमाण
  • याचिका के समर्थन में कानूनी साक्ष्य

क्या यह फैसला सभी बेटियों पर लागू होगा?

नहीं, यह निर्णय किसी एक विशेष केस के संदर्भ में दिया गया है। इसका मतलब यह नहीं है कि सभी बेटियां अब पिता की संपत्ति से वंचित होंगी। यदि संपत्ति पैतृक है और पिता की मृत्यु 2005 के बाद हुई है, तो बेटी को पूरी कानूनी सुरक्षा और अधिकार मिलेगा।

समाज में प्रतिक्रियाएं

इस फैसले के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताई। कुछ लोग मानते हैं कि यह निर्णय महिला अधिकारों के खिलाफ है, जबकि अन्य का मानना है कि संपत्ति का अधिकार पूरी तरह से मालिक की मर्जी पर होना चाहिए। इस मुद्दे ने पारिवारिक कानूनों में जागरूकता की नई चर्चा को जन्म दिया है।

पहले के सुप्रीम कोर्ट फैसले क्या कहते हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में विनीता शर्मा बनाम राकेश शर्मा केस में कहा था कि बेटी को जन्म से ही पिता की पैतृक संपत्ति में बराबरी का अधिकार है, चाहे उसका विवाह हुआ हो या नहीं। इस ऐतिहासिक फैसले ने महिलाओं को कानूनी रूप से सशक्त किया था।

निष्कर्ष

ऐसा बिल्कुल नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट ने बेटियों को संपत्ति से वंचित कर दिया है। यह फैसला एक विशेष परिस्थिति पर आधारित था, जहाँ संपत्ति स्व-अर्जित थी और वसीयत में बेटी का नाम नहीं था। यदि संपत्ति पैतृक है और अन्य शर्तें पूरी होती हैं, तो बेटी को पूरा हक मिलेगा।

सलाह: ऐसे मामलों में उचित कानूनी सलाह लें और यह जानने का प्रयास करें कि संपत्ति की प्रकृति क्या है और उस पर किसका कितना अधिकार बनता है।

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About shiv

मैं राजेंद्र पटेल हूँ, वर्तमान में अपनी बी.ए. की पढ़ाई कर रहा हूँ और हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में अपने कौशल को निखार रहा हूँ मुझे पाठकों से जुड़ने वाली और समझने में आसान सामग्री बनाने का शौक है। नई - नई और रोमांचक जानकारी के लिए नियमित रूप से इस वेबसाइट पर विजिट करें

2 thoughts on “पिता की संपत्ति में अब नहीं होगा बेटी का अधिकार? सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मचा हड़कंप Father Property Daughter Claim

  1. S V Pratap. says:

    Shared Good information . Please give supreme court judgement and citation about the same.
    Thank You.

    1. Rajendra Patel says:

      thanks for feed

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